आवारा मसीहा
विष्णु प्रभाकर
None pages, Hardcover
ISBN: 0865781893
ISBN13:
Language: Hindi
Publish: None
शरतचन्द्र जी भारत के सर्वप्रिय उपन्यासकार थे जिनका साहित्य भाषा की सभी सीमाएँ लांघकर सच्चे मायनो में अखिल भारतीय हो गया। उन्हें बंगाल में जितनी ख्याति और लोकप्रियता मिली , उतनी ही हिंदी में तथा गुजराती, मलयालम तथा अन्य भाषाओँ में भी मिली। उनकी रचनायें तथा रचनाओं के पात्र देश-भर की जनता के मानो जीवन अंग बन गए। इन रचनाओं और पात्रोँ की विशिष्टता के कारण लेखक के अपने जीवन में भी पाठक की अपार रुचि उत्पन्न हुई परन्तु अब तक कोई भी ऐसी सर्वांगसंपूर्ण कृति नहीं आई थी जो इस विषय पर सही और अधिकृत प्रकाश डाल सके। इस पुस्तक में शरत के जीवन से सम्बंधित अंतरंग और दुर्लभ चित्रोँ के सोलह पृष्ठ भी हैं जिनसे इसकी उपयोगिता और बढ़ गयी है।
बंगला में भी यद्यपि शरत के जीवन पर, उसके विभिन्न पक्षो पर बीसियो छोटी बड़ी कृतियाँ प्रकाशित हुईं, परन्तु ऐसी समग्र रचना कोई भी प्रकाशित नहीं हुयी थी। यह गौरव पहली बार हिंदी में लिखी इस कृति को प्राप्त हुआ है।
(पुस्तक के बैककवर से )